मंगलवार, 5 जून 2012
शनिवार, 2 जून 2012
यमुना घाटी में कार्यरत सभी संगठनों से अपील
उत्तराखण्ड में विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठन बहुत अच्छा कार्य कर रहे
हैं, जिससे समाज के हर वर्ग का सर्वांगीण विकास हो रहा है। कई संगठन महिला
एवं गरीब तकबे के उत्थान तथा सामाजिक चेतना का निर्वहन बखूबी कर रहे हैं।
साथ ही रोजगार के संसाधन भी जुटा रहे हैं और कृषि बागवानी के क्षेत्र में
भी सराहनीय कार्य कर रहे हैं। कुछ शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य
कर रहे हैं, लेकिन कुछ संगठन ऐसे भी हैं जो एक ही क्षेत्र तक सीमित हैं।
सामाजिक एवं पर्यावरणीय कल्याण समिति (सेवा) इस दिशा में एक सकारात्मक पहल करने का प्रयास कर रही है। सेवा ने इस वर्ष अपना वार्षिकोत्सव मनाने का निश्चय किया है। इस मौके पर संस्था रवांई कल आज और कल नामक एक स्मारिका का प्रकाशन करने जा रही है। संस्था का उद्देश्य है कि इस स्मारिका में रवांई घाटी की तमाम जानकारियों के साथ वहां के रहन-सहन, चाल-चलन, वेश-भूषा, परम्परागत संस्कृति एवं वहां की धरोहरों का समावेश हो।
संस्था इस वर्ष अपने वार्षिकोत्सव 26 जुलाई को रवांई कल आज और कल नामक स्मारिका का प्रकाशन करेगी। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों को भी संस्था गत वर्ष की भांति सम्मानिक करेगी।
अतः उत्तरकाशी जिले के अंतर्गत रवांई क्षेत्र में कार्यरत सभी संगठनों से निवेदन है कि आप लोग हमें अपने कार्यों का संक्षिप्त ब्यौरा उपलब्ध करा सकें तो सेवा इसके लिए सदैव आपकी आभारी रहेगी। सेवा का उद्देश्य है कि वहां की तमाम जानकारियों के साथ वहां कार्यरत संगठनों की जानकारी भी लोगों तक पहुंचाई जा सके। इसी को ध्यान में रखते हुए संस्था आप से निवेदन करती है और आप सभी से सहयोग की आशा करती है।
सभी स्वयंसेवी संगठनों से निवेदन है कि जो भी इस पहल पर हमारा सहयोग करना चाहे, वे कृपया आगामी 10 से 15 जुलाई तक अपने संगठनों की गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण हमें ई-मेल करें।
mysewa@gmail.com
सामाजिक एवं पर्यावरणीय कल्याण समिति (सेवा) इस दिशा में एक सकारात्मक पहल करने का प्रयास कर रही है। सेवा ने इस वर्ष अपना वार्षिकोत्सव मनाने का निश्चय किया है। इस मौके पर संस्था रवांई कल आज और कल नामक एक स्मारिका का प्रकाशन करने जा रही है। संस्था का उद्देश्य है कि इस स्मारिका में रवांई घाटी की तमाम जानकारियों के साथ वहां के रहन-सहन, चाल-चलन, वेश-भूषा, परम्परागत संस्कृति एवं वहां की धरोहरों का समावेश हो।
संस्था इस वर्ष अपने वार्षिकोत्सव 26 जुलाई को रवांई कल आज और कल नामक स्मारिका का प्रकाशन करेगी। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों को भी संस्था गत वर्ष की भांति सम्मानिक करेगी।
अतः उत्तरकाशी जिले के अंतर्गत रवांई क्षेत्र में कार्यरत सभी संगठनों से निवेदन है कि आप लोग हमें अपने कार्यों का संक्षिप्त ब्यौरा उपलब्ध करा सकें तो सेवा इसके लिए सदैव आपकी आभारी रहेगी। सेवा का उद्देश्य है कि वहां की तमाम जानकारियों के साथ वहां कार्यरत संगठनों की जानकारी भी लोगों तक पहुंचाई जा सके। इसी को ध्यान में रखते हुए संस्था आप से निवेदन करती है और आप सभी से सहयोग की आशा करती है।
सभी स्वयंसेवी संगठनों से निवेदन है कि जो भी इस पहल पर हमारा सहयोग करना चाहे, वे कृपया आगामी 10 से 15 जुलाई तक अपने संगठनों की गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण हमें ई-मेल करें।
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