बड़कोट/नौगांव। सामाजिक एवं पर्यावरणीय कल्याण समिति (सेवा) और वन पंचायत भाटिया के संयुक्त तत्वावधान में अमर शहीद श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि हरियाली दिवस के अवसर पर वृहद् पौधारोपण किया गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। सभी लोगों ने श्रीदेव सुमन के पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी बड़कोट परमानन्द राम मौजूद रहे।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत ग्राम पंचायत भाटिया में सेवा संस्था तथा वन पंचायत ने मिलकर गांव के 'तरका' तोक में बांज, सिल्वर ओक, अगरंडा, कचनार, अंगू के सौ पौधे रोपे और हरियाली दिवस को भव्य तरीके से मनाने का संकल्प लेते हुए गांव को हरा-भरा बनाने की शपथ ली। मुख्य अतिथि उपजिलाधिकारी श्री राम ने कहा कि पर्यावरण के प्रति ग्रामीणों को जागरूक किया जाना एक अच्छी पहल है और सभी को संस्था के साथ मिलकर गांव को हरा-भरा बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाना है तो अधिक से अधिक पौधे लगाए जाने चाहिए।
मुगरसन्ती रेंज के रेंज अधिकारी नीलम दास ने कहा कि आज जो सौ पौधे लगाये गये, उनकी सुरक्षा के लिए ग्रामीणों को आगे आना होगा तथा वनों की सुरक्षा में सभी को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष वनों में भीषण आग से विभिन्न प्रजातियों के अनेकों पौधे नष्ट हुए। आग की विभीषिका से वनों को बचाने के लिए ग्रामीणों को न सिर्फ वन कर्मियों की ओर ताकना चाहिए, बल्कि स्वयं आगे आकर वनों की आग को बुझाना चाहिए।
वन पंचायत सरपंच यशवन्त सिंह रावत ने कहा कि सेवा संस्था के साथ वन पंचायत ने गांव को हरा-भरा बनाने का जो बीड़ा उठाया है, उसे हम इन पौधों की रक्षा कर पूरा करेंगे।
संस्था के सचिव शशिमोहन रावत ने श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि पर आयोजित हरियाली दिवस पर पौधारोपण करने वालों और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों व उनके शिक्षकों का आभार जताया। श्री रावत ने क्षेत्र को हरा भरा करने का आहवान करते हुए कहा कि यदि हमें अपना पर्यावरण बचाना है, तो इसके लिए हर व्यक्ति को पौधारोपण पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि सेवा संस्था पर्यावरण शिक्षा के क्षेत्र में निरन्तर कार्य कर रही है। संस्था रवाईं घाटी में कंप्यूटर के क्षेत्र में क्रांति लाना चाहती है और इस दिशा में संस्था कार्य भी कर रही है।
श्री रावत ने कहा कि शिक्षा और पर्यावरण का पारस्परिक संबंध है। बिना जागरूकता के पर्यावरण को नहीं बचाया जा सकता। इसके लिए गांव-गांव व हर गांववासी को अपनी जिम्मेदारी का उचित निर्वहन करना होगा, तभी हम लोग पर्यावरण के सच्चे प्रहरी बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि संस्था शीघ्र ही विज्ञान पर आधारित बच्चों की चार दिवसीय कार्यशाला आयोजित करने जा रही है।
इस अवसर पर राजकीय जूनियर हाईस्कूल के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इन छात्रों ने पर्यावरण जागरूकता पर आधारित गीतों से दर्शकों का मन मोहा। बच्चों ने 'यूं डाईयों न काट', न काट मेरी मधुलि बांदा' आदि गीतों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
इस मौके पर संस्था की कोषाध्यक्ष श्रीमती सीमा रावत, ग्राम प्रधान श्रीमती प्रतिमा देवी, गांव के गणमान्य व्यक्ति टीकाराम सिंह रावत, केन्द्र सिंह राणा, रूकम सिंह रमोला, देवेन्द्र सिंह रावत, गजेन्द्र सिंह रावत, सुरेश राणा, पन्ना लाल, दिनेश लाल, सज्जन लाल, नरेश लाल, आनंद राणा, कृष्णदेव रावत आदि उपस्थित थे।
इसके अलावा वन दारोगा वीरेन्द्र दत्त गौड़, केशवानन्द डिमरी, वीट अधिकारी यशपाल सिंह सज्वाण, रा0उ0प्रा0वि0 भाटिया के प्रधानाध्यापक रामपाल सिंह, सहायक अध्यापक सुभाष शाह, रा0प्रा0वि0 की प्रधानाध्यापिका श्रीमती विनोद जैन सहित सैकड़ों ग्रामीण कार्यक्रम में मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सोबेन्द्र सिंह रावत ने किया।