मंगलवार, 2 अक्तूबर 2012

बच्चों को बताए वैज्ञानिक अनुभव



नौगांव, जागरण प्रतिनिधि : सामाजिक एवं पर्यावरण कल्याण समिति सेवा की ओर से स्कूली बच्चों को चार दिवसीय कार्यशाला में अनुभव से विज्ञान के रहस्यों से परिचित कराया गया। यमुना वैली पब्लिक स्कूल में आयोजित कार्यशाला में प्रखंड के दस स्कूलों के नब्बे बच्चों ने शिरकत की।
कार्यशाला में छठी, सातवीं व आठवीं कक्षा के बच्चों को विशेषज्ञों ने आम दिनचर्या में होने वाले विभिन्न अनुभवों को विज्ञान के जरिये बच्चों के सामने प्रस्तुत किया। वहीं बच्चों को विभिन्न घटनाओं और अनुभवों के वैज्ञानिक आधार से भी रूबरू कराया। सेवा के सचिव शशिमोहन रावत ने बताया कि देश में शिक्षा क्षेत्र की शीर्ष संस्था प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के विज्ञान जागरुकता कार्यक्रम के तहत बच्चों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के ऐसे प्रयास उनकी संस्था की ओर से समय समय पर आगे भी किए जाते रहेंगे। कार्यशाला में राजकीय इंटर कालेज नौगांव, दौलतराम रंवाल्टा, सरस्वती विद्या मंदिर, बाल विद्या मंदिर, उमा, विद्यालय नौगांव, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय धारीवली, राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल कोटियाल गांव, कन्या जूनियर हाईस्कूल मुराड़ी राकउमावि मंजियाली, सरस्वती इंटर कालेज नौगांव तथा राजकीय इंटर कालेज मुंगरा नौगांव सहित दस विद्यालयों की जूनियर कक्षाओं के बच्चों ने शिरकत की। समापन अवसर पर बच्चों को प्रमाण पत्र भी वितरित कि ये गये। क्षेत्र में पहली बार हो रही अनुभव आधारित बाल विज्ञान कार्यशाला के संचालन के लिए नई दिल्ली से चार सदस्यीय टीम के साथ यहां पहुंचे आशुतोष उपाध्याय ने बताया कि उनकी संस्था ने उलतराखंड में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने कि लिए विशेष पहल शुरू की है। इसके अंर्तगत अनुभव आधारित वाल विज्ञान कार्यशालाएं, विशेष विज्ञान मेले, साइंस कैम्प तथा विज्ञान शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम किये जाते है।

साभार : दैनिक जागरण 
http://www.jagran.com/uttarakhand/uttarkashi-9716630.html

बच्चों ने अनुभव से सीखा विज्ञान

‘सेवा’ और ‘प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन’ की चार दिवसीय अनुभव आधारित 
बाल विज्ञान कार्यशाला की रि‍पोर्ट-


नौगाँव (उत्‍तरकाशी)। अनुभव से विज्ञान के रहस्यों से परिचित कराने के लिये समाजिक एवं पर्यावरण कल्याण समिति (सेवा) तथा ‘प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन’ ने यमुना वैली पब्लिक स्कूल में 26 सि‍तम्‍बर 2012 से चार दिवसीय बाल विज्ञान कार्यशाला का आयोजन कि‍यात्र कार्यशाला में नौगाँव क्षेत्र के दस विद्यालयों के 90 से ज्यादा बच्चों ने हिस्सादारी की। छठी, सातवीं व आठवीं कक्षा के इन बच्चों ने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से उनकी कक्षाओं में पढ़ाए जाने वाले विज्ञान के चार शीर्षकों को प्रयोगों से किये जाने वाले अनुभवों से समझने का प्रयास किया। प्रकृति अन्वेषण, हवा के गुण, चुंबक व चुंबकत्व तथा सूक्ष्मजीवियों की दुनिया जैसे बुनियादी विषयों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सीखना-समझना इन बच्चों के लिए बेहद रोमांचकारी अनुभव था।
‘सेवा’ के सचिव शशिमोहन रावत ने बताया कि देश में शिक्षा क्षेत्र की शीर्षस्थ संस्था ‘प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन’ के एसायंस फॉर साइंस कार्यक्रम के तहत बच्चों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के ऐसे प्रयास उनकी संस्था की ओर से आगे भी किए जाते रहेंगे।
बाल विज्ञान कार्यशाला में राजकीय इंटर कालेज नौगांव, दौलतराम रवांल्टा सरस्वती विद्या मंदिर, बाल विद्या मंदिर उ.मा. विद्यालय नौगाँव, राज. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कीमी, राज. उच्च प्राथमिक वि. धारीवली, रा. कन्या जूनियर हाईस्कूल कोटियालगाँव, कन्या जूनियर हाईस्कूल मोराड़ी, रा.क.उ.मा.वि. मजियाली, सरस्वती इंटर कालेज नौगाँव तथा राजकीय इंटर कालेज मुंगरा-नौगाँव सहित 10 विद्यालयों की जूनियर कक्षाओं के बच्चों ने शिरकत की। कार्यशाला के समापन समारोह में बच्चों को आयोजकों की ओर से प्रमाणपत्र भी वितरित किये गये। कबाड़ और बेकार समझी जाने वाली वस्तुओं से प्रयोग कर विज्ञान को पहली बार अनुभव और गतिविधियों के माध्यम से सीख रहे ये बच्चे कार्यशाला में हिस्सेदारी से बेहद रोमांचित नजर आए।
नौगाँव क्षेत्र में पहली बार हो रही अनुभव आधारित बाल विज्ञान कार्यशाला के संचालन के लिए नई दिल्ली से चार सदस्यीय टीम के साथ यहाँ पहुँचे एलायंस फॉर साइंस के संयोजक आशुतोष उपाध्याय ने बताया कि उनकी संस्था ने उत्तराखंड में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए विशेष पहल शुरू की है। इसके अंतर्गत अनुभव आधारित बाल विज्ञान कार्यशालाएं, विशेष विज्ञान मेले, साइंस कैम्प तथा विज्ञान शिक्षक प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम किये जाते हैं। उन्‍होंने बताया कि एनसीईआरटी ने निर्देशों के अनुसार विज्ञान शिक्षा को गतिविधि आधारित किया जाना जरूरी है लेकिन ऐसी शिक्षण पद्धति के बारे में फिलहाल जानकारी की बेहद कमी है। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से उपलब्ध होने वाली सामग्री की मदद से विज्ञान संबंधी मॉडल बनाने के लिये शिक्षण प्रशिक्षण कार्यशालाएं भी आयोजित कर रही है। उन्होंने बताया कि ऐसी ही एक विज्ञान शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला पिछले सप्ताह डायट डीडीहाट में आयोजित की गई, जिसमें पिथौरागढ़ जिले के राजकीय विज्ञान शिक्षकों ने भागीदारी की।
 साभार :  लेखक मंच 
 http://lekhakmanch.com/?p=4563


सोमवार, 1 अक्तूबर 2012

कार्यशाला में बच्चों को दी विज्ञान की जानकारी

 
नौगांव (उत्तरकाशी)। स्कूली बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें बच्चों को अनुभव के आधार पर विज्ञान के रहस्यों की जानकारी दी गई।
सामाजिक एवं पर्यावरण कल्याण समिति तथा प्रथम एजूकेशन फाउंडेशन की ओर से यमुना वैली पब्लिक स्कूल में चार दिवसीय बाल विज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर विषय विशेषज्ञों ने किताबों में पढ़ाए जाने वाले विज्ञान को प्रयोग के माध्यम से बच्चों के सामने प्रस्तुत किया। उन्हाेंने प्रकृति अन्वेषण, हवा के गुण, चुंबक और चुंबकत्व तथा सूक्ष्मजीवियों की दुनिया के बारे में बताया। कार्यक्रम के संयोजक आशुतोष उपाध्याय ने बताया कि विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सेवा संस्था के सचिव शशिमोहन रावत ने भी महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। कार्यशाला में प्रखंड के दस विद्यालयों के 90 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। समापन मौके पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए।
साभार : अमर उजाला 
http://www.amarujala.com/city/Uttar_Kashi/Uttar_Kashi-50277-17.html