मंगलवार, 30 सितंबर 2014

'रवाईं-जौनपुर एवं जौनसार-बावर, कल आज और कल' का विमोचन


राज्य ब्यूरो, देहरादून
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हिमालय की सास्कृतिक धरोहर को संजोए रखना हम सभी का दायित्व है। सोमवार को बीजापुर हाउस के जनता मिलन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में 'रवाईं-जौनपुर एवं जौनसार-बावर, कल आज और कल' पुस्तक का विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री ने यह बात कही।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने रवाईं-जौनपुर एवं जौनसार-बावर क्षेत्र में क्लस्टर बनाकर खेती व बागवानी को अभियान के तौर पर करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सबसे कम पलायन वाला क्षेत्र है। यहा के लोगों ने जीवन की कठिनाईयों से काफी कुछ सीखा है। मुख्यमंत्री ने पुस्तक के लेखक व संकलनकर्ता विजेंद्र रावत को बधाई देते हुए कहा कि पुस्तक में यमुना घाटी का सजीव चित्रण है। इसमें पहाड़ का दर्द और आकाक्षाएं स्पष्ट दिखती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि तिलाड़ी महोत्सव के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह व प्रीतम सिंह पंवार ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री व विधायक अमृता रावत, पूर्व मंत्री खजानदास, पूर्व विधायक राजेश जुवाठा आदि उपस्थित थे।
http://www.jagran.com/uttarakhand/dehradun-city-11668169.html

गुरुवार, 18 सितंबर 2014


साथियो जैसा कि आपको विदित है कि पिछले कई महिनों से हम एक दस्तावेज को बनाने में लगे हुए थे और आज आप सभी साथियों, अग्रजों और बड़े भाइयों के सहयोग से यह कार्य पूर्ण हुआ है। रवांई—जौनपुर एवं जौनसार—बावर: कल, आज और कल नामक यह दस्तावेज प्रिटिंग के लिए चला गया है। सोमवार—मंगलवार तक यह आपके समक्ष एक किताब के रूप में उपलब्ध हो जाएगा। जल्द ही यह दस्तावेज लांच होगा। हमारे कोशिश है कि इस दस्तावेज को रवांई—जौनपुर एवं जौनसार—बावर में अलग—अलग तिथियों को लांच किया जाएगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दस्तावेज हमारे लोगों के लिए जानकारीपरक सिद्ध होगा।

— आपका
शशि मोहन रवांल्टा
mysewa@gmail.com